– कु. नन्दिनी वर्मा
बी.ए. द्वितीय वर्ष
हिन्दी ही अहम है, हिन्दी ही गर्व है।
हिन्दी ही उत्सव है, हिन्दी ही पर्व है।
हिन्दी ही ज्ञान है, हिन्दी ही विज्ञान है हिन्दी न केवल एक भाषा बल्कि
पूरा हिन्दुस्तान है, यह पूरा हिन्दुस्तान है……………
हिन्दी ही वेदना है, हिन्दी ही गान है
हिन्दी ही चेतना है, हिन्दी ही वरदान है
हिन्दी ही सम्मान है, हि न्दी ही स्वाभिमान है
हिन्दी न केवल एक भाषा बल्कि
पूरा हिन्दुस्तान है, यह पूरा हिन्दुस्तान है……………………
हिन्दी ही वर्तन है, हिन्दी ही व्याकरण है।
हिन्दी ही संस्कृति है, हिन्दी ही आचरण है।
हिन्दी ही आन है, हिन्दी से ही शान है।
हिन्दी न केवल एक भाषा बल्कि
पूरा हिन्दुस्तान है, यह पूरा हि न्दुस्तान है………………….
हिन्दी ही ईमान है, हिन्दी ही पहचान है
हिन्दी ही सूर, कबीर, मीरा और रसखान है
हिन्दी ही जीवन है,है हर दिल का अरमान है,
हिन्दी न केवल एक भाषा बल्कि
पूरा हिन्दुस्तान है, यह पूरा हिन्दुस्तान है…………………………
हिन्दी ही स्वर, और व्यंजन की अमिट पहचान है।
इसीलिये हमें मिलकर, करना इसका उत्थान है।।
क्योंकि, हिन्दी न केवल एक भाषा बल्कि
पूरा हिन्दुस्तान है, यह पूरा हिन्दुस्तान है…………..
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