– (प्रो.) डॉ. यशोधरा शर्मा
प्राचार्या
माता भगवती देवी राजकीय महिला महाविद्यालय
आँवलखेड़ा, आगरा
उत्तर प्रदेश में पर्यटन हेतु विश्व प्रसिद्ध शहर आगरा की एत्मादपुर तहसील के ग्राम आँवलखेड़ा, जो स्वनामधन्य तपोनिष्ठ पं. श्री राम शर्मा आचार्य जी की पावन जन्मस्थली है, में अवस्थित “माता भगवती देवी राजकीय महिला महाविद्यालय, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपने स्थापना वर्ष 1996 से आज तक नित नए सोपान गढ़ रहा है, और अपने शिखर पर पहुंचने हेतु सतत प्रयासरत है। यहाँ के विद्वान् प्राध्यापक निरंतर नवसृजन की ओर उन्मुख हैं और लगभग 1000 छात्राएं महाविद्यालय के सुरम्य परिसर में कुशल शिक्षकों के साथ पूर्ण निष्ठा से अध्ययनरत हैं।
बड़े हर्ष का विषय है कि महाविद्यालय अपने स्थापना के रजत जयंती वर्ष में अपनी वार्षिक ई-पत्रिका ‘प्रतिभा’ का सत्र 2019-20, 2020-21, 2021-22 का संयुक्तांक “ई-पत्रिका” के रूप में प्रकाशित कर रहा है। इस नवोन्मेष से हम न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण का मुखर प्रहरी होने की प्रतिज्ञा का संवर्धन करने का सूक्ष्म प्रयास कर रहे हैं वरन् छात्राओं की मौलिक कृतियों के साथ डिजिटल वर्ल्ड में परिवर्धन की प्रतिबद्धता को भी परिलक्षित कर रहे हैं। वर्तमान साइबर युग की प्रतिस्पर्धा में महाविद्यालय को प्रतिष्ठित करने हेतु यह एक सशक्त प्रयास होगा। यह पत्रिका महाविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध रहने के साथ-साथ ई लाइब्रेरी तथा ई-मैगज़ीन के विभिन्न पोर्टल्स पर भी उपलब्ध रहेगी तथा मोबाइल, टेबलेट एवं कंप्यूटर पर भी पढ़ा जा सकता है।
सफल और संपूर्ण जीवन की नींव है, शिक्षा, जो छात्रों के व्यक्तित्व और चरित्र निर्माण का मूल स्रोत है। इसी के द्वारा नीर-क्षीर विवेक की क्षमता का विकास होता है। केवल औद्योगिक प्रगति से ही कोई देश खुशहाल, समृद्ध और गौरवशाली नहीं बन सकता। अतः महाविद्यालयों को मात्र डिग्री देने वाली संस्था न होकर सुयोग्य एवं सद्चरित्र नागरिकों की पौधशाला होना चाहिए। शिक्षा केवल नौकरी करने के लिए ही नहीं अपितु सामाजिक उत्थान के लिए भी परम आवश्यक है। शिक्षा का तात्पर्य उस ज्ञान से है जो व्यक्ति की संकल्प शक्ति को विकसित कर उसमें अन्तर्निहित शक्तियों से उसका परिचय कराती है। अतः शिक्षा का उद्देश्य/लक्ष्य जीवन निर्माण,चरित्र निर्माण एवं पूर्ण मानव का निर्माण है।
माँ सरस्वती के इस पवन मंदिर की ई-पत्रिका “प्रतिभा” के संयुक्तांक के सफल प्रकाशन हेतु मैं अपने महाविद्यालय के विद्वान संपादक मंडल, समस्त प्राध्यापकों एवं कार्यालयीय सहयोगीजनों के सत्प्रयासों की हृदय से प्रशंसा करती हूँ।
किसी भी संस्था की पत्रिका उसका दर्पण होती है। अतः शिक्षा के साथ-साथ युवा छात्रों के चरित्र निर्माण एवं उनके सांस्कृतिक अवमूल्यन को रोकने की दिशा में प्रयास करके राष्ट्रीय एकता, अखंडता, एवं सहिष्णुता के स्वप्न के विकास के क्रम में यह पत्रिका कहाँ तक सफल हुई है, इसका आँकलन आप स्वयं करेंगे।
नवीन कलेवर से युक्त ई पत्रिका “प्रतिभा” को प्रकाशन के सोपान तक पहुंचाकर मुझे एक आत्मिक संतोष की अनुभूति हो रही है। मैं महाविद्यालय के चतुर्दिक विकास की कामना करती हूँ।