संपादक की कलम से

संपादकीय

       परम पूज्य गुरुजी आचार्य पं. श्रीराम शर्मा की पावन जन्मभूमि एवं कर्मस्थली आँवलखेड़ा, आगरा स्थित, वन्दनीय माता भगवती देवी की स्मृति को समेटे हुए ‘माता भगवती देवी राजकीय महिला महाविद्यालय आँवलखेड़ा, आगरा’ की गौरवपूर्ण यात्रा के रजत जयंती वर्ष में महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका ‘प्रतिभा’ जो कि अब ई-पत्रिका का रूप ले चुकी है, के संयुक्तांक को प्रकाशित कर आपको समर्पित करते हुए अत्यंत प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है ।

       आज से लगभग 25 वर्ष पूर्व आचार्य जी ने महाविद्यालय हेतु भूमि दान कर महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा की सुविधा सुलभ कराने और शिक्षा की अलख जगाने का जो सपना देखा था उसे पूरा करने के लिए महाविद्यालय, संस्कारयुक्त शिक्षा प्रदान करने, छात्राओं को मानवीय मूल्यों से परिपूर्ण बनाने, अनुशासित एवं संयमित बनाने के लिए निरंतर साधनारत है ।

      शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ प्रतिष्ठा, उच्च पद और आर्थिक संपन्नता हासिल करने में सक्षम बनाना ही नहीं है बल्कि शिक्षा का प्राथमिक उद्देश्य एक बेहतर मनुष्य और जिम्मेदार नागरिक बनाना भी है, क्योंकि बेहतर मनुष्य बनाने में असफल रहने वाली शिक्षा का कोई मोल नहीं है । मानव संसाधनों में आधी हिस्सेदारी महिलाओं की है । शिक्षा पर पुरुषों की भांति महिलाओं का भी समान अधिकार है, और उनको ये हक दिए बिना महिला सशक्तिकरण की बात करना बेमानी है । महिलाओं को ये हक सिर्फ साक्षर बनाकर या प्राथमिक स्तर की शिक्षा प्रदान करके देना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उनकी स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिए उच्च शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा में भी उनकी भागीदारी बढ़ाई जानी चाहिए ताकि वे स्वावलंबी बनकर अपनी स्तिथि सुदृढ़ कर सकें और अपने अधिकारों को हासिल कर सकें ।

      नई शिक्षा नीति-2020 शिक्षा को उपयोगी व व्यावहारिक बनाने तथा रोजगार से जोड़ने की नीति है । नई शिक्षा नीति अपनी भाषा अपनी संस्कृति, नैतिक मूल्यों भारत की विशाल संस्कृति को सहेजने के साथ-साथ, बाजार की बदलती हुई आवश्यकताओं और संभावनाओं को ध्यान में रखकर रोजगार हासिल करने में सक्षम बनाने की शिक्षा प्रदान करने पर बल देती है । यह नीति देश की धरोहरों, विरासतों, अपनी संस्कृति एवं मातृभूमि पर गर्व करना सिखाती है, और हमारा यह महाविद्यालय सदैव से ही इस दिशा में प्रयासरत रहा है । साथ ही साथ महाविद्यालय नई शिक्षा नीति के तहत छात्राओं को अनिवार्य विषय के रूप में रोजगारपरक पाठ्यक्रम के द्वारा उन्हें भविष्य में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी प्रयासशील है जिसके तहत छात्रों को अनेक प्रकार के व्यावसायिक रूप से लाभदायक विषय संचालित किये जा रहे हैं ।  

      ई-पत्रिका का यह संयुक्तांक ऐसे विशेष अवसर पर प्रकाशित हो रहा है, जब महाविद्यालय अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण कर रहा है । सर्वविदित है कि विगत लगभग दो वर्षों से अधिक समय से विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के प्रकोप का समूचा विश्व सामना कर रहा है । ऐसे कठिन दौर में जब समूचे विश्व और प्रत्येक वर्ग व संस्थान ने  चुनोतियों का सामना किया तब शिक्षा व्यवस्था को भी नई चुनोतियों का सामना करना पड़ा और ये चुनोतियाँ अभी भी परीक्षाएँ ले रही हैं । अधिकांशतः ग्रामीण अंचल और मध्यम आय वर्ग से आने वाली छात्राओं के अध्ययन को कोरोना एवं लॉकडाउन के प्रभावों से बचाने के लिए महाविद्यालय ने आनलाइन शिक्षण के द्वारा हर संभव प्रयास किया । आज महाविद्यालय परम्परागत शिक्षण के साथ-साथ स्मार्ट क्लास और ऑनलाइन शिक्षण के द्वारा भी छात्राओं को वृहद तथा सुरुचिपूर्ण सुग्राह्य शिक्षा पद्धतियों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की दिशा में उत्तरोत्तर आगे बढ़ रहा है ।     

      महाविद्यालय के उत्तरोत्तर विकास के लिए सदैव प्रयत्नशील रहने वाली, महाविद्यालय की ऊर्जावान प्राचार्य, आदरणीया डॉ. यशोधरा शर्मा के प्रयासों से मील के पत्थर के रूप में महाविद्यालय को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है, जब महाविद्यालय में पूर्व से संचालित अर्थशास्त्र, अंग्रेजी विषयोँ में परास्नातक के साथ ही साथ राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, हिंदी एवं गृहविज्ञान विषयों में भी परास्नातक कक्षाएं प्रारम्भ करने की अनुमति प्रदान कर दी गयी । इससे पूर्व भी आपके प्रयासों से  ड़ॉ0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय द्वारा, महाविद्यालय के तीन प्राध्यापकों को शोध निर्देशक (Research Supervisor) नियुक्ति के रूप में स्वीकृत प्रदान करते हुए क्रमशः अंग्रेजी, राजनीती विज्ञानं एवं अर्थशास्त्र विषय में शोध की अनुमति प्रदान कर दी गयी। 

      मैं, शिक्षा निदेशक (उच्च शिक्षा) के प्रति अपना आभार प्रकट करता हूँ जिन्होंने इस ई-पत्रिका हेतु अपना बहुमूल्य सन्देश प्रदान कर इस ई-पत्रिका को गरिमा प्रदान की । महाविद्यालय की यशस्वी प्राचार्य आदरणीया डॉ. यशोधरा शर्मा के प्रति मैं हृदय से कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने मुझे इस ई-पत्रिका के संपादन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी प्रदान कर मुझ पर अपना भरोसा जताया तथा अपने मार्गदर्शन व अमूल्य सुझावों से पत्रिका को संवारने में अपनी महती अनुकंपा प्रदान की । अपनी बहुमूल्य रचनाओं से पत्रिका को समृद्धता करने वाले सभी लेखकों/रचनाकारों का आभारी हूँ । साथ ही इस ई-पत्रिका को मूर्त रूप प्रदान करने में संपादक मंडल के सम्मानित सदस्यों, महाविद्यालय प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूँ । ई-पत्रिका अपने सुधी पाठकों की आशा एवं अपेक्षाओं पर खरी उतर सकेगी इस विश्वास के साथ बहुमूल्य सुझाव एवं त्रुटियाँ आमंत्रित करती है ताकि सुझावों के समावेश एवं त्रुटियों के निवारण से, भविष्य में इस पत्रिका को और भी बेहतर रूप में आपके समक्ष प्रस्तुत किया जा सके । आपके स्नेह/आशीष एवं सहयोग की सदैव आकांक्षा है । इससे पूर्व भी आपके प्रयासों से डॉ0 भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय द्वारा महाविद्यालय के तीन प्राध्यापकों की शोध निर्देशक (Research Supervisor) के रूप में नियुक्ति की स्वीकृति प्रदान करते हुए क्रमशः अर्थशास्त्र, अंग्रेजी एवं राजनीति विज्ञान विषय में शोध की अनुमति प्रदान कर दी गयी ।

डॉ0 उमेश कुमार शाक्य

pratibha

combined e-magazine for session 2019-20, 2020-21, 2021-22 published by Mata Bhagwati Devi Rajkiya Mahila Mahavidyalay

share this Article

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email

अन्य रचनाएं पढ़े

  1. कुल गीत (मनमोहन भारद्वाज)
  2. बौद्धिक सम्पदा अधिकार से… (डॉ. अनीता)
  3. तनाव प्रबंधन एवं युवा पीढ़ी (डॉ. शुभा सिंह)
  4. जीवनशैली से उत्पन्न बीमारियाँ:भारतीय संदर्भ में (डॉ. मनोरमा यादव)
  5. नागार्जुन की कविताओं… (सुरेंद्र कुमार पटेल)
  6. आजादी का अमृत महोत्सव…निबंध.. (प्रथम स्थान)
  7. आजादी का अमृत महोत्सव…निबंध.. (द्वितीय स्थान)
  8. आजादी का अमृत महोत्सव…निबंध.. (तृतीय स्थान) 
  9. हिंदी: एक कालजयी भाषा (नंदिनी वर्मा)
  10. क्या मैं कर पाऊँगी (रश्मि गुप्ता)
  11. दुर्गा नारी (ज्योति शर्मा)
  12. हिंदी व्यथा (गार्गी त्यागी)
  13. गुरु का महत्त्व (शिखा परमार)
  14. नारी की लाचारी (कृष्णा)
  15. मेरी आशा (प्रियंका)
  16. ऐ चाँद सवेरा देख ले तू (क्रांति कुमारी)
  17. कामयाबी की मंजिल (गार्गी त्यागी)
  18. जिंदगी अनजाने शहर में (प्रीती बाला सागर)
  19. मेरे पापा (संध्या भारद्वाज)
  20. मेरा परिवार (संध्या भारद्वाज)
  21. मेरी प्यारी मम्मी (संध्या भारद्वाज)
  22. बचा लो मुझे (स्वाती चौहान)
  23. हिंदी की पहचान (रूचि)
  24. हिंदी व्यथा (गार्गी त्यागी)
  25. मातृभाषा से नाता जोड़ो (शिवानी त्यागी)
  26. हिंदी पूरा हिंदुस्तान है (नंदिनी वर्मा)
  27. Menace Of Terrorism (With Special Reference Of Bioterrorism) (Dr. Yashpal Chaudhari)

Related Articles

सन्देश

प्राचार्य की कलम से

– (प्रो.) डॉ. यशोधरा शर्मा  प्राचार्या माता भगवती देवी राजकीय महिला महाविद्यालय आँवलखेड़ा, आगरा उत्तर प्रदेश में पर्यटन

Read More »
सन्देश

शुभकामना सन्देश

–डॉ. प्रणव पंड्या एवं शैलबाला पंड्यागायत्री शांतिकुंज, हरिद्वार – 249411 (उत्तराखंड) हरिद्वार यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता है कि

Read More »
सन्देश

निदेशक महोदय का सन्देश

– डॉ. अमित भारद्वाजनिदेशक (उच्च शिक्षा)उच्च शिक्षा निदेशालयप्रयागराज   अत्यंत हर्ष का विषय है कि माता भगवती देवी

Read More »
सन्देश

कुलपति जी का सन्देश

मुझे यह जान कर अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है कि “माता भगवती देवी राजकीय महिला महाविद्यालय, आँवलखेड़ा, आगरा”

Read More »